भोपाल में प्रधानमंत्री मोदी ने मनाई महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती
महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित महिला शक्ति सम्मान सम्मेलन में भाग लिया। यह आयोजन नारी शक्ति, भारत की सांस्कृतिक विरासत और अहिल्याबाई होलकर के अद्वितीय नेतृत्व को समर्पित था।
कार्यक्रम की प्रमुख घोषणाएं
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया:
इंदौर मेट्रो परियोजना: प्रधानमंत्री ने 6 किलोमीटर लंबी इंदौर मेट्रो की येलो लाइन के प्राथमिक कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिसमें पांच स्टेशन शामिल हैं। यह स्वच्छता में देश में प्रथम स्थान प्राप्त इंदौर को आधुनिक और प्रदूषण-मुक्त परिवहन प्रणाली प्रदान करेगा।
दतिया और सतना हवाई अड्डे: प्रधानमंत्री ने दतिया और सतना हवाई अड्डों का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
अटल ग्राम सेवा सदन: प्रधानमंत्री ने ₹483 करोड़ की लागत से बनने वाले 1,271 नए पंचायत भवनों की पहली किस्त जारी की, जो गांवों में स्थानीय शासन को मजबूत करेंगे।
महारानी अहिल्याबाई होलकर को श्रद्धांजलि
18वीं शताब्दी की महान शासिका महारानी अहिल्याबाई होलकर को उनके न्यायप्रिय शासन, जनकल्याण के प्रति समर्पण और धार्मिक एवं सांस्कृतिक संरक्षण कार्यों के लिए याद किया जाता है। उन्होंने काशी, सोमनाथ, गया जैसे स्थानों पर मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया और समाज को एक आदर्श प्रशासन दिया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर:
- ₹300 का स्मारक सिक्का जारी किया
- एक विशेष डाक टिकट का विमोचन किया
- पारंपरिक लोक कला में योगदान देने वाली महिला कलाकार को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार से सम्मानित किया
महिला सशक्तिकरण को नया बल
भोपाल में आयोजित यह समारोह सिर्फ ऐतिहासिक स्मरण नहीं था, बल्कि यह एक महिला सशक्तिकरण अभियान का सशक्त संदेश भी था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर आज भी महिलाओं को नेतृत्व, सेवा और सामाजिक उत्थान की प्रेरणा देती हैं।
इस मौके पर एक महिला कलाकार को राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई पुरस्कार प्रदान किया गया, जो आदिवासी, लोक और पारंपरिक कला में महिलाओं की भूमिका को उजागर करता है।
महारानी अहिल्याबाई का अद्वितीय योगदान
महारानी अहिल्याबाई नारी नेतृत्व, नैतिक शासन और जनकल्याण की प्रतीक रही हैं। उनके 300वीं जयंती समारोह के माध्यम से भारत ने फिर यह संकल्प लिया कि:
- महिलाओं को नेतृत्व के अवसर मिले
- ग्रामीण भारत को सशक्त किया जाए
- भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखा जाए
- आधुनिक परिवहन और विकास को प्राथमिकता दी जाए
भोपाल में मनाया गया अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह सिर्फ अतीत का सम्मान नहीं था, बल्कि यह भविष्य की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम था। महिलाओं के सम्मान, गांवों के विकास और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की प्रेरणा महारानी अहिल्याबाई आज भी देश को देती हैं।
उनकी विरासत हमें यह सिखाती है कि सच्चे नेतृत्व में सेवा, संस्कार और समर्पण का भाव होना चाहिए।
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